दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में सभी जिनालयों में उत्तम मार्दव धर्म की पूजा एवं विधान किया
विश्वास पारीक
निवाई-(आल टाइम ब्रेकिंग) सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में सहस्त्रकूट विज्ञातीर्थ पर दसलक्षण मंडल विधान के साथ बड़े भक्ति भाव से मार्दव धर्म की पूजा की गई | सकल दिगंबर जैन समाज निवाई के तत्वाधान में सभी जिनालयों में उत्तम मार्दव धर्म की पूजा एवं विधान किया गया | विज्ञातीर्थ कार्याध्यक्ष सुनील भाणजा एवं विज्ञातीर्थ प्रतिनिधि हितेश छाबड़ा ने बताया कि दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में ऋषि मंडल विधान के साथ 30 अर्घ समर्पित किये विधान जिसमें में सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य नवीन कुमारजैन,महावीर कुमार जैन खण्डवा वालों को प्राप्त हुआ एवं इंद्र बनने का सौभाग्य महावीर छाबड़ा,अशोक ठोलयां ज्ञानचंद सौगानी पहाडी को हुआ |चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष विष्णु बोहरा ने बताया कि अग्रवाल दिगंबर जैन मंदिर में एवं दिगंबर जैन बड़ा मन्दिर में सांयकाल में शास्त्र सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ एवम सहस्त्रकूट विज्ञातीर्थ पर प्रातःकाल भगवान शांतिनाथ का अभिषेक एवं शांति धारा हुई उसके पश्चात दसलक्षण मंडल विधान हुआ उसमें द्वितीय वलय की पूजा एवं मार्दव धर्म की पूजा की गई उसके बाद गणिनी आर्यिका105 विज्ञाश्री माताजी की शिष्या आर्यिका 105 ज्ञानश्री माताजी का प्रवचन हुआ| माताजी ने प्रवचन के दौरान क्षमा के समान मार्दव भी आत्मा का स्वभाव है,मार्दव स्वभावी आत्मा के आश्रय से आत्मा में जो मान के अभावरूप शांति स्वरूप पर्याय प्रकट होती है,उसे भी मार्दव धर्म कहते हैं।आज के दिन हमें सबको क्षमा करते हुए मान का भी गलन करना चाहिए मान एक मीठा जहर जो मिलने पर अच्छा लगता है,आजकल के लोगों को अगर पूछा नहीं जाए या बोला नहीं जाए या उनका सम्मान नहीं करा जाए तो भी उनका मान के कारण उनका गुस्सा आने लगता है| किसी को सुंदरता का घमंड किसी को पैसे का घमंड रहता है, लेकिन यह पैसा यह रूप यह सब यही रह जाते हैं,इसीलिए हमें मान का त्याग करना चाहिए, हमें किसी भी बात का घमंड नहीं करना चाहिए| महेश मोटुका ने बताया की विज्ञातीर्थ पर पूजन एवं विधान करने में अरविंद ककोड,शैलेंद्र संघी,मोनू पाटनी, सुंदर पाटनी,जय कुमार गिंदोडी, सुनील भाणजा,हितेश छाबड़ा, निशु झिलाई,कैलाश जयपुर, किशु अनोपडा पदमपुरा वाले, अशोक रेनवाल,आकाश सिंहल, अंकुर झिराना सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे|
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