जिनालयों में उत्तम तप धर्म की पूजा एवं विधान किया गया
विश्वास पारीक
निवाई-(आल टाइम ब्रेकिंग)सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में सहस्त्रकूट विज्ञातीर्थ पर दसलक्षण मंडल विधान के साथ बड़े भक्ति भाव से उत्तम तप धर्म की पूजा की गई| सकल दिगंबर जैन समाज निवाई के तत्वाधान में सभी जिनालयों में उत्तम तप धर्म की पूजा एवं विधान किया गया | विज्ञातीर्थ कार्याध्यक्ष सुनील भाणजा एवं विज्ञातीर्थ प्रतिनिधि हितेश छाबड़ा ने बताया कि दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में ऋषि मंडल विधान के अर्घ समर्पित किये सायंकाल में सभी जिनालय में धूप समर्पित की गई| अग्रवाल दिगंबर जैन मंदिर में एवं दिगंबर जैन बड़ा मन्दिर में सांयकाल में शास्त्र सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ |जिसमें छोटे बाल कलाकरों ने झांकियां भी बनाई जिसमें सुकुमार मुनि उपसर्ग,नरक का द्वार, संसार दर्शन सम्मेद शिखरजी की रचना की झांकियां सजाई इसमें बाल कलाकार पुण्य जैन( झिलाई)अघम चंवरिया,अंशू ,वीरा,नीर,दर्वित जैन सभी ने झांकियां सजाई| सहस्त्रकूट विज्ञातीर्थ पर प्रातःकाल भगवान शांतिनाथ का अभिषेक एवं शांति धारा हुई| उसके पश्चात दसलक्षण मंडल विधान हुआ उसमें सातवें वलय की पूजा की गई | 24 अर्घ समर्पित किए विधान में सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य सत्यनारायण विनोदकुमार,गिर्राज कुमार महेश कुमार,नयाशं अयाशं मंगल बोहरा मोटुका परिवार को मिला| उसके बाद गणिनी आर्यिका105 विज्ञाश्री माताजी की शिष्या आर्यिका 105 ज्ञानश्री माताजी का प्रवचन हुआ| माताजी ने प्रवचन में बताया कि समस्त रागादि भावों के त्यागपूर्वक आत्म स्वरूप में अपने में लीन होना अर्थात आत्मलीनता द्वारा विकारों पर विजय प्राप्त करना तप है | माताजी ने बताया अगर रास्ता खूबसूरत है तो यह जरूर जानें कि यह किस ओर जा रहा है लेकिन अगर लक्ष्य खूबसूरत हो तो रास्ता जैसा भी हो उसकी परवाह न करें| चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष विष्णु बोहरा ने बताया की विज्ञातीर्थ पर पूजन एवं विधान करने में अरविंद ककोड,मोटूका शैलेंद्र संघी,मोनू पाटनी,सुंदर पाटनी,जय कुमार गिंदोडी,निशु झिलाई,हितेश छाबड़ा, गिर्राज कैलाश जयपुर,किशु पदमपुरा,अशोक रेनवाल, आकाश सिंहल,अंकुर झिराना सहित कहीं श्रद्धालु मौजूद थे|
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