दिगंबर जैन बड़ा मन्दिर में ऋषि मंडल विधान की पूजा अर्चना की गई-
निवाई-(आल टाइम ब्रेकिंग)सकल दिगंबर जैन समाज निवाई के तत्वाधान में दिगंबर जैन बड़ा मन्दिर में ऋषि मंडल विधान की पूजा भक्ती भाव पूर्वक गाजे बाजे के साथ की गई | चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष विष्णु बोहरा ने बताया कि विधान में 19 अर्घ समर्पित किए गए| ऋषि मंडल विधान में सौधर्म इन्द्र बनने का सौभाग्य महावीर प्रसाद शकुन्तला हितेश कुमार यामिनी छाबड़ा मयंक वर्षा देवांश छाबड़ा को मिला| उत्तम त्याग धर्म की पूजा पंडित सुरेश कुमार शास्त्री के निर्देश अनुसार की गई| सकल दिगंबर जैन समाज निवाई के तत्वाधान में सभी जिनालयों में उत्तम त्याग धर्म की पूजा एवं विधान किया गया| विज्ञातीर्थ कार्याध्यक्ष सुनील भाणजा एवं विज्ञातीर्थ प्रतिनिधि हितेश छाबड़ा ने बताया अग्रवाल दिगंबर जैन मंदिर में एवं दिगंबर जैन बड़ा मन्दिर में सांयकाल में शास्त्र सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ |
सहस्त्रकूट विज्ञातीर्थ पर प्रातःकाल भगवान शांतिनाथ का अभिषेक एवं शांति धारा हुई उसके पश्चात दसलक्षण मंडल विधान हुआ उसमें आठवें वलय की पूजा की गई| विधान में सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य नंदलाल अरविंद तनिष्क जैन ककोड़ वालों को मिला|उसके बाद गणिनी आर्यिका105 विज्ञाश्री माताजी की शिष्या आर्यिका 105 ज्ञानश्री माताजी का प्रवचन हुआ| माताजी ने बताया कि आज त्याग धर्म का दिन है इसीलिए सभी श्रावकों को एक नियम जरूर लेना चाहिए| माताजी ने प्रवचन में बताया कि त्याग धर्म है और दान पुण्य है त्यागियो के पास रंचमात्र भी परिग्रह नहीं होता त्याग के दिन सभी भक्तजनों को कुछ ना कुछ दान करना चाहिए |आज विशेष दिन पर हमको अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान देना चाहिए जिनागम में दान को भी त्याग कहा गया है| माताजी ने बताया निज शुद्धात्म के ग्रहणपूर्वक बाहृय और अभ्यंतर परिग्रह से निवृत्ति त्याग है |माताजी ने बताया की दो पल की जिंदगी है इसे जीने के सिर्फ दो तरीके बना लो रहो तो फूलों की तरह और बिखरो तो खुशबू की तरह| पूजन एवं विधान करने में नेमीचंद गंगवाल,अशोक ठोलयां,नवीन खंडवा,ज्ञानचंद पहाड़ी, निर्मल सुनारा,कमलेश खणदेवत,महेश मोटूका,शकुन्तला यामिनी,वर्षा छाबड़ा ,महावीर,हेमंत बटवाती,महेश पाटनी,बंटी झांझरी,पप्पु,सुशील पहाड़ी,डब्बू संघी,मोनू पाटनी,सुंदर पाटनी,जयकुमार किशु पदमपुरा सहित श्रद्धालु मौजूद थे|
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