दिगंबर जैन बड़ा मन्दिर में ऋषि मंडल विधान की पूजा अर्चना की गई-
■दिगंबर जैन बड़ा मन्दिर में ऋषि मंडल विधान की पूजा अर्चना की गई-
निवाई-(आल टाइम ब्रेकिंग) सकल दिगंबर जैन समाज निवाई के तत्वाधान में दिगंबर जैन बड़ा मन्दिर में ऋषि मंडल विधान की पूजा भक्ती भाव पूर्वक गाजे बाजे के साथ की गई | चातुर्मास कमेटी के कार्यध्यक्ष सुनील भाणजा एवं हितेश छाबड़ा ने बताया कि विधान में 17 अर्घ समर्पित किए गए | ऋषि मंडल विधान में सौधर्म इन्द्र बनने का सौभाग्य निर्मल सुनारा को मिला,उत्तम आकिंचन धर्म की पूजा पंडित सुरेश कुमार शास्त्री के निर्देश अनुसार की गई| सकल दिगंबर जैन समाज निवाई के तत्वाधान में सभी जिनालयों में उत्तम आकिंचन धर्म की पूजा एवं विधान किया गया| विज्ञातीर्थ कार्याध्यक्ष सुनील भाणजा एवं विज्ञातीर्थ प्रतिनिधि हितेश छाबड़ा ने बताया शनिवार को अनंत चतुर्दशी पर श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन अग्रवाल मन्दिर में सुबह 8:30 बजे वासुपूज्य भगवान के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लड्डू धूमधाम से चढ़ाया जाएगा एवं शाम को 4:00 बजे सामूहिक कलशाभिषेक किए जाएंगे | दिगंबर जैन बड़ा मन्दिर में सांयकाल में शास्त्र सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ एवं दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर में गुरुवार को महाआरती का आयोजन किया |जिसमें आरती करने का सौभाग्य महावीर प्रसाद,हितेश,मयंक छाबड़ा को मिला|चतुर्मास कमेटी के अध्यक्ष विष्णु बोहरा ने बताया कि सहस्त्रकूट विज्ञातीर्थ पर प्रातःकाल भगवान शांतिनाथ का अभिषेक एवं शांति धारा हुई,उसके पश्चात दसलक्षण मंडल विधान हुआ उसमें नौवे वलय की पूजा की गई| विधान में सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य अशोक कुमार सुशील कुमार जैन कटारिया वालों को मिला उसके बाद गणिनी आर्यिका105 विज्ञाश्री माताजी की शिष्या आर्यिका 105 ज्ञानश्री माताजी का प्रवचन हुआ| माताजी ने बताया कि आज आकिंचन धर्म का दिन है,शरीर से भिन्न ज्ञान स्वरूप निरुपम वर्णगंधादिक से रहित अनंत सुख से संपन्न अतीन्द्रिय परम शुद्धआत्मा का ध्यान करना ही आकिंचन धर्म है अर्थात समस्त परिग्रह का त्याग करना ,आत्मा में शुद्ध ध्यान करने की शक्ति का प्रकट होना ममत्व परिणाम का त्याग करना अकिंचन धर्म है |जिसके पास कुछ नहीं है वह अकिंचन कहलाता है| पूजन एवं विधान करने में नेमीचंद गंगवाल,महावीर प्रसाद छाबड़ा,मयंक छाबड़ा,अशोक ठोलयां,नवीन खंडवा,निर्मल सुनारा, कमलेश खणदेवत,भामाशाह विष्णु बोहरा,महेश मोटूका, शकुन्तला यामिनी,वर्षा अवनी छाबड़ा,नीतू सुनारा,अर्चना सुनारा,महावीर हेमंत बटवाती,महेश पाटनी,बंटी झांझरी, पप्पु,सुशील पहाड़ी,डब्बू संघी,मोनू पाटनी,सुंदर पाटनी, जयकुमार,किशु पदमपुरा सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे|
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